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खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-5

खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-5



कुछ रीडर्स जानना चाहते है की कौन किसका दुश्मन है कुछ समझ नही आ रहा है और कुछ रीडर्स पूछ रहे है क्या ये स्टोरी रियल है तो आज मैं आप सबके सवालों का जवाब दूंगी........

पहली बात तो की ये स्टोरी पूरी तरह से काल्पनिक है इस कहानी का किसी की रियल लाइफ से कोई लेना देना नहीं है इसमें सारे करैक्टर काल्पनिक है।

अब आते है कहानी में क्या झोल है जो की नेहा अभिजीत से बदला भी लेना चाहती है और नेहा उसे जानती भी नहीं है।



फ्लैशबैक-

नेहा दौड़ते हुए घर में आती है और आकर सोनम के गले में बाहें डाल कर नाचने लगती है

सोनम- क्या हुआ मेरी जान आज इतनी खुश क्यों है??

नेहा- उछलते हुए सोचो सोचो क्या हो सकता है जो मुझे इतनी खुशी मिल सकती है??

सोनम एक उंगली को अपने गाल पर रख के सोचने की एक्टिंग करते हुए - हुऊ....दिल्ली वाले डांस कम्पटीशन के ऑडिशन में तेरा सिलेक्शन ही तुझे इतनी खुशी दे सकता है।

नेहा सोनम के गाल पे पप्पी देते हुए - वाह!!! भगवान् जी क्या बहन दी है आपने मुझे बिना कहे ही सब समझ जाती है।

सोनम एकदम से खुश होते हुए- वाओ......क्या गुड न्यूज़ है नेहु आज तो पार्टी बनती है!

नेहा भी खुश होते हुए- ठीक है तो फिर आज रेस्टोरेंट में चलते हैं डिनर करने और सोनम भी इस बात पर सहमत हो जाती है।

सोनम अपने रूम में जाते हुए- तू जल्दी से जाकर तैयार हो जा और मॉम डैड को मैं मनाती हूँ।

नेहा खुश होते हुए- आप ना वर्ल्ड के बेस्ट दीदी हो..... आई लव यू सो मच दीदी।

सोनम - अच्छा अच्छा अब जाकर रेडी हो जा ज्यादा मस्का मत लगा।

नेहा अपने रूम में चली जाती है रेडी होने के लिए उधर सोनम भी रेडी हो जाती है और माँ पापा को भी थोड़ी बहुत मश्कत के बाद मना लेती है।

नेहा और सोनम दोनों रेस्टोरेंट के लिए निकल जाती है और वहां जाकर वो लोग एक खाली टेबल पर जाकर बैठ जाती है और अपने लिए डिनर आर्डर कर देती है।

जब तक उन् दोनों का आर्डर आता है तब तक वो इधर उधर की बातें कर रहे होते है की अचानक से सोनम की नज़र सामने बैठे लडके पर जाती है।
जो काफी देर से उसे ही घूर रहा होता है जैसे ही सोनम की नज़रे उससे मिलती है तो वो लड़का अपनी नज़र नीची कर लेता है और बगल में बैठे अपने दोस्त से बातें करने लग जाता है।

जब तक नेहा और सोनम का आर्डर भी आ जाता है और वो दोनों अपना डिनर खत्म करके बाहर आ जाती है और नेहा बाहर खड़ी होकर कैब बुक कर रही होती है की सामने वही लड़का अपने दोस्त के साथ कार लेकर आ जाता है और उनको लिफ्ट के लिए ऑफर करता है तो सोनम मना कर देती है और नेहा उधर ध्यान ना देकर फ़ोन में कैब बुक कर रही होती है!

जब वो लोग वहा से नही जाते है तो सोनम चिल्लाने के अंदाज़ में बोलती है तुम्हे समझ में नहीं आया क्या जब बोला नही तो मतलब नहीं.....इससे पहले कि मैं अपने वाले पर आऊ निकल जाओ यहाँ से! नेहा बोलती है कूल डाउन दी......और उस लडके को आंखें दिखाती है!!!

वो लड़का उस वक़्त तो वहा से चला जाता है लेकिन अपनी इस बेज्जती को वो इतनी आसानी से नहीं भूल सकता था और ना ही इतनी आसानी से सोनम को सबके सामने उसके मुँह पर चाटा मार के जाने दे सकता था।

वही उस लडके के जाने के बाद नेहा और सोनम भी कैब से अपने घर चले जाते है और जाकर अपने कमरे में सोने चले जाते है इन सब से बेखबर की आने वाले कल की सुबह में उनकी जिंदगी में वो तूफ़ान आने वाला है जो उनकी हंसती खेलती पूरी जिंदगी बर्बाद कर देगा।

अगले दिन नेहा तैयार होकर स्कूल जाती है और सोनम अपने कॉलेज पहुँच जाती है।

जैसे ही नेहा क्लास में एंटर करती है की सामने से आते एक लडके से टकरा जाती है जिससे उसके हाथ से उसकी बोतल छूट कर नीचे गिर जाती है।

नेहा अपनी बोतल को ना उठा कर उस लडके पर चिल्लाते हुए - औए देख कर नहीं चल सकता आँखों में मोतियाबिंद हुआ क्या?

वो लड़का कुछ नहीं बोलता तो नेहा आगे बोलती है - अब चुप क्यों हो गया??? बोल ना आँखों से दिखाई नहीं देता क्या? और सुन अपना ये ऐटिटूड ना किसी और को जाकर दिखाना ना मैं तेरे इस ऐटिटूड से डरती हूँ ना ही इन आँखों से जो तू बड़ी बड़ी करके मुझे डराने की नाकाम कोशिश कर रहे हो और एक हाथ से उस लडके को लगभग धक्का देकर अपने सामने से हटाते हुए अपनी बोतल उठा कर वहां से अपनी क्लास में चली जाती है।

वो लड़का चुप चाप उसे जाते हुए देखता है और मन ही मन मुस्कुरा रहा होता है।

जब नेहा अपनी बेंच पर जाकर बैठती है तो देखती है आज क्लास में बाकी दिनों से कम बच्चे है और वो इस बात को इग्नोर करके टीचर के आने का वेट करती है!

जैसे ही टीचर क्लास में आती है तो वो सबसे पहले यही बताती है कि जिन बच्चों का डांस कम्पटीशन के ऑडिशन में सिलेक्शन हो गया है उनको नेक्स्ट वीक दिल्ली जाना है और उनका पहला परफॉरमेंस नेक्स्ट मंडे को है........

नेहा ये बात सुनकर बहुत ज्यादा खुश होती है बहुत ही ज्यादा और उठ कर क्लास में ही हूटिंग करने लगती है अपने लिए ही😂😂.........जब नेहा का ध्यान जाता है कि सब उसे ही देख रहे है तो उससे भी बहुत अजीब फील होता है अपनी इस बेवक़ूफ़ हरकत पर ........और नेहा मुँह लटका कर बेंच पर बैठ जाती है!

इतनी देर में ही क्लास में डीन सर आते है और उनके साथ एक स्टूडेंट भी होता है जो शायद अभी नया ही आया है।
नेहा सोचती है ये लड़का यहाँ क्या कर रहा है कही ये नया स्टूडेंट तो नहीं है!

तभी डीन सर् की आवाज आती है की ये एक बहुत ही अच्छे डांसर है और इतनी सी उम्र में ना जाने कितने ही डांस अवार्ड्स इनके नाम है.....और कहते है ना कि टैलेंट किसी की उम्र या पैसे का मोहताज नही होता है कुछ ऐसा ही इनके केस में भी है सिर्फ 17 साल की उम्र में "इंडिया'स बेस्ट डांसर" का अवार्ड इन्होने अपने नाम किया है और आज ये हमारे सामने है। क्युकी मैंने ही इन्हे बुलाया है उन बच्चों को डांस के कुछ खास स्टेप्स और टिप्स देने के लिए जो बच्चे नेक्स्ट वीक दिल्ली डांस कम्पटीशन में जा रहे है.......मैं चाहता हूँ मेरे बच्चे वहां अपना बेस्ट परफॉरमेंस दे और फर्स्ट प्राइज जीत कर ही आये!
डीन सर इतना कह कर वहां से चले जाते है!

नेहा सोचती है यार ये मैने क्या किया कही अगर इसने मुझसे पर्सनल दुश्मनी कर ली और डांस स्टेप्स में मेरी हेल्प करने से मना कर दिया तो......नहीं..नहीं...ऐसा नहीं होगा वो तो बहुत अच्छा इंसान है मुझे इतना कुछ कहने के बाद भी कुछ उल्टा नही बोला उसने।
और अपने मन को समझाती है कि नेहा इतना मत सोच सब अच्छा होगा ।



उधर सोनम अपने कॉलेज में जाती है और उसका दिन नार्मल दिनों की तरह गुजर जाता है शाम को कॉलेज खत्म होने के बाद सोनम कॉलेज के बाहर सड़क पर अपनी दोस्त का इंतज़ार कर रही होती है!

तभी दो लडके आते है और उस पर कमेंट्स करते है तो सोनम इग्नोर करती है और आगे बढ़ जाती है!

जब काफी देर तक वो लडके उसका पीछा नहीं छोड़ते तो सोनम अपने हाथ की बाजुओं को ऊपर करके उन दोनों लड़कों को दिन में तारे दिखा देती है ।
जैसे ही सोनम आगे बढ़ती है तो 2-4 लड़के और आ जाते है और सोनम एक बार तो डर जाती है लेकिन अगले ही पल वो उनसे भिड़ जाती है काफी देर तक सोनम उनसे लड़ती है लेकिन आखिर में सोनम गिर जाती है और वो लड़के उसे पकड़ लेते है!

एक आदमी- अब बोल बहुत गरमी चढ़ी है ना तुझे!

और वो लड़का उसके बाल पकड़ लेता है सोनम छटपटा कर चिल्लाने लगती है लेकिन आस पास कोई नहीं होता है......
सोनम धीरे धीरे बेहोश होने लगती है!

जब सोनम को होश आता है तो वो घर पर अपने बेड पे होती है और पास में उसकी माँ बहिन और पापा बैठे होते है!

वो आँखें खोलती है और अपने आप को सही सलामत देखकर वो खुश होती है लेकिन अगले ही पल सोचती है मैं यहाँ तक आई कैसे और जैसे ही वो पूछने वाली होती है तो नेहा अपने इशारे से उसे चुप रहने को कहती है और बोलती है दी अब आप कैसा फील कर रहे हो??

सोनम पलकें झपका कर ठीक होने का इशारा करती है और फिर से बैड से टेक लगा कर अधलेटी सी बैठ जाती है!



वर्तमान में:

नेहा सुबह उठती है और अपने ऑफिस में जाती है जहाँ वो सीधे अपने बॉस के केबिन में जाती जहाँ बॉस नहीं होता है तो नेहा वह एक लेटर रख कर बाहर आ जाती है।

नेहा रास्ते में चलती चलती ये सोच रही होती है कैसे हैंडल करू दीदी और फिर ये सब।
"राह कुछ नजर ना आए,
नजर आए सिर्फ अंधियारा!
राह चलकर तो सब मंजिल पाते हैं,
मुझे चीर कर जाना है ये अंधेरा!!"

नेहा यही सब सोचते हुए पास के ही एक कॉफ़ी हाउस में जाती है और वहां जाकर एक खाली टेबल पर बैठ जाती है!

वो वहाँ बैठी किसी सोच में गुम रहती है की एक लड़की आकर उसके पास बैठ जाती है नेहा का ध्यान उधर नहीं जाता है और वो अपने ख्यालों में ही खोयी रहती है!

वो लड़की नेहा के तरफ हाथ बढ़ा कर - हेलो आय ऍम साक्षी चौहान तो नेहा अपने ख्यालों से बाहर आती है और उसकी बात का जवाब देते हुए बोलती है - ऍम नेहा!

फिर कुछ देर उन दोनों के बीच खामोशी पसर जाती है तो साक्षी खामोशी तोड़ते हुए बोलती है - क्या हुआ आप कुछ परेशान लग रही है अगर कोई प्रॉब्लम है तो आप मुझसे शेयर कर सकती है हो सकता है मैं आपको हेल्प कर दूं !

नेहा कुछ सोचते हुए- नही कुछ नही बस ऐसे ही मैं थोड़ा परेशान थी!

साक्षी - ओके जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.....वैसे मैं अपने किसी काम से तुम्हारे पास आयी थी!
नेहा थोड़ा सरप्राइज होते हुए - मुझसे??
साक्षी - हां!
नेहा- बोलिये मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं?

साक्षी- मैं जानती हूँ आप यही पास की ट्रेडिंग कंपनी में मैनेजर है और हमारी कंपनी में भी एक मैनेजर की पोस्ट खाली है अगर तुम्हारी नज़रों में कोई काबिल इंसान ही तो प्लीज मुझे कांटेक्ट करना और एक कार्ड उसकी तरफ बढ़ा देती है और बोलती है ये मेरा कार्ड है!
नेहा कार्ड लेते हुए- थैंक्स!!!!!
साक्षी- ऑलवेज वेलकम,,,,,,कभी टाइम मिले तो आना! और ये कह कर साक्षी वहाँ से उठ कर चली जाती है!
नेहा वही बैठी सोचती रहती है क्यों ना मैं एक बार कोशिश करूँ क्या पता मेरी सारी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाये!
और नेहा उठ कर वहाँ से अपने घर चली जाती है!


उधर साक्षी जाकर अभिजीत को बता देती है सर मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की है शायद कल तक कोई अच्छा मैनेजर मिल जाये!
अभिजीत- ठीक है! अब तुम भी घर जाओ वरना लेट हो जायेगा!
साक्षी- जी सर!
और साक्षी वहां से अपने घर चली जाती है!

क्रमश:.........🐬🌞


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5 Comments

Fiza Tanvi

20-Nov-2021 01:11 PM

Good

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Sana khan

28-Aug-2021 06:16 PM

Wow

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Fiza Tanvi

27-Aug-2021 12:07 PM

Vakai ap kahani bahut achi likhti h

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